गुरुवार, 17 मई 2007

हिंदी का पुलिस ब्लोग

पिछले छिट्ठे के जवाब में मिले रेसपोंस को देख कर उत्साह बढ़ा। मित्रों ने आशंका जतायी है कि ऐसे प्रयास लंबे समय तक चलें या ना चलें क्या पता? नितिन दीप जी से मिल कर तो उम्मीद बांधती है कि ऐसा ही होगा। आप और हम उत्साह बधायेंगे तो ये लंबी दौड़ पर निकलेगा।

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