गुरुवार, 3 मई 2007

क्यूँ आता नहीं बसंत

क्यूँ आता नहीं बसंत ...

जब भी चलती सर्द हवाएं
विपदा और व्यथा की
मैं ह्रदय तरु से जा मिलाटा
और
करता बात ह्रदय
पर एक बात से कर देता वो
सब बातों का अंत
पतझड़ हुआ बरसो बीते
क्यूँ आता नहीं बसंत।

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