शुक्रवार, 4 मई 2007

गिद्ध


जिन लोगों को भूख सताए, मत दो उनको कोई निवाला।

झूम रहे जो लोग नशे में, फिर से भर दो उनका प्याला।।


रोष में देखो लोग खडे हैं, पकडा दो तुम उनको पत्थर।

कोशिश कर के देखो ज़रा, यदि जला दें वे कुछ-इक घर॥


जिस घर से धुआं दिखता हो, चलो वहाँ पर आग दिखा दें।

जहाँ नज़र आता हो कुँआ, जा कर उसमें भांग मिला दें॥


ढूंढें सरकते पल्लुओं, सिसकते चेहरों और सनसनी को।

नहीं मिले तो सरकाओ या सिसकाओ और पैदा करें॥

ब्रेकिंग न्यूज़, एक्सक्लूसिव और सिर्फ इसी चैनल पर।

सारे चैनल तरस रहे हैं चौबीस घंटो मसाले को॥


गिद्ध भोज की भाग-दौड़ में, कौन संभाले गिरतों को।

मत उठाओ, क्लिक करो बस, खबर अपनी बनाने को॥



फोटो साभार - डाक्टर छंगानी







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